Rumored Buzz on Shodashi

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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।

सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

ह्रीं‍मन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं

पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।

The Mahavidya Shodashi Mantra is additionally a robust tool for all those trying to get harmony in personal relationships, Inventive inspiration, and advice in spiritual pursuits. Normal chanting fosters emotional therapeutic, improves instinct, and helps devotees entry increased wisdom.

वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

The iconography serves like a focal point for meditation and worship, letting devotees to connect Along with the divine Vitality with the Goddess.

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की more info ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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